देहरादून- उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की ज़िला स्तरीय बैठक देहरादून पंचायत भवन में जिला उपाध्यक्ष सुनीता राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री ने बैठक को संबोधित करते कहा कि सरकारों ने आंगनबाड़ी कर्मचारीयो का मानदेय के नाम पर आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया हुआ है।उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जा रही है ।उत्तराखंड राज्य में 5250 से लेकर 9300 तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय दिया जा रहा है। जबकि अन्य प्रदेशों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में 10 हजार से लेकर 15 हज़ार रुपए मानदेय दिया जा रहा है ।खत्री ने कहा कि सरकारो द्वारा सबसे अधिक मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का शोषण किया जा रहा है। इसी परिपेक्ष में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अस्थाई कर्मचारियों के पक्ष में बड़ा फैसला देते हुए कहा था कि देश में समान काम के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर अमल होना चाहिए ।कोर्ट ने कहा कि किसी की भी मेहनत का फल न देने के लिए बनाए गए नियम गलत है। एक जैसा काम करने वाले कर्मचारियों को कम वेतन नहीं दिया जा सकता। ऐसा करना अपमानजनक है बल्कि मानवीय गरिमा की बुनियाद पर कुठाराघात भी है। बैठक में उपस्थित जिला उपाध्यक्ष सुनीता राणा ने कहा कि नवंबर का महीना त्योहारों का महीना है। लेकिन अभी तक सितंबर अक्टूबर का मानदेय आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नहीं दिया गया है। जबकि आंगनवाड़ी में कार्यरत अधिकांश महिलाएं गरीब परिवारों की है। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आर्थिक तंगी से गुजर रही है। और उनमें काफी रोष व्याप्त है। बैठक में उपस्थित सीमा देवी ने कहा कि आंगनबाड़ी अपने विभाग के अलावा अन्य विभागों का कार्य भी कर रही है। जैसे निर्वाचन में (बी एल ओ)की ड्यूटी शिक्षा विभाग में (बाल गणना) का सर्वे स्वास्थ्य विभाग में (डेंगू का सर्वे) जिसके कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के काम के घंटे के कई गुना अधिक बढ़ गए हैं। जिसकी वजह से इनको मानसिक एवं आर्थिक तनाव हो रहा है। बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने दीपावली में सरकार से समय पर बकाया मानदेय दिए जाने एवं दीपावली बोनस दिए जाने की मांग की।बैठक में लक्ष्मी कोठियाल, रितु देवी, शक्ति नौटियाल ,रीमा देवी, मधु पुंडीर, माधुरी,सरोज सोलंकी, गीता देवी, संतोष देवी गीता चौहान, भगवती आदी मौजूद रही।
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