उत्तराखंडसामाजिक

पोषक तत्वों को प्लास्टिक चावल समझकर फेक रहे लोग

राशन के चावल में मिले फोर्टिफाइड चावल को लेकर लोगों में फैला है भ्रम

उत्तराखंड ब्यूरो: जन जागरूकता की कमी कहें या अज्ञानता जिन पोषक तत्वों को सरकारी राशन की दुकानों में राशन कार्ड के जरिये मिलने वाले चावल में सरकार की ओर से मिलाया गया है। लोग उन्हें प्लास्टिक का चावल समझकर नाली में फेंक रहे है। सरकार की ओर से सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में मिलने वाले चावल के साथ ही आंगनवाड़ी केंद्र एवं मिड डे मिल योजना में भेजे जा रहे चावल में पोषण से लड़ने के लिए फोर्टीफाइड चावल साधारण चावल में मानकों के अनुरूप मिलाए गए है। जिससे कि पोषक तत्वों को घर-घर पहुंचाया जा सके। परंतु चावल धोने के दौरान हल्के होने के चलते यह चावल पानी में तैरने लगते है और लोग इन्हें प्लास्टिक के चावल समझकर फेंक देते है। एक दूसरे की देखा देखी अन्य लोग भी इस तरह की धारणा में ढलते जा रहे है। जिससे सरकार का उद्देश्य संपूर्ण रूप से फलीभूत होता नही दिख रहा है ।हालांकि जागरूक लोग इस मामले में समय-समय पर लोगों को जागरुक भी कर रहे है तो वहीं विभागीय अधिकारी एवं सस्ता गल्ला विक्रेता भी इसको लेकर लोगों का भ्रम दूर करने में लगे है। परंतु अधिकतर ग्रामीण परिवेश के लोग इन चावल को लेकर भ्रम की स्तिथि में है।


डोईवाला के क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी विभूति जुयाल ने बताया कि
पोषण से लड़ने के लिए भारत सरकार की ओर से चावल का फोर्टिफिकेशन जरूरी किया गया था। फोर्टीफाइड चावल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने धान खरीद के अंतर्गत चावल मिलों में बीआईएस मानक डायनमिक ब्लेंडर लगवाना अनिवार्य कर दिया था। यह ब्लेंडर ना लगवाने वाली मिले फोर्टीफाइड चावल निर्माण के कार्य से बाहर होगी। इसके भी स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। फोर्टिफिकेशन का मतलब टेक्नोलाजी के माध्यम से विटामिन और खनिज के स्तर को बढ़ाना था। जिससे की आहार में पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सके और लोगों को इससे स्वास्थ्य लाभ मिले । इसको लेकर इस चावल में एफआरके 100:1 अनुपात एक में मिलाकर फोर्टीफाइड चावल तैयार किया गया। इस चावल में आयरन, जिंक, फोलिक एसिड और विटामिन बी का मिश्रण होता है। ताकि यह लोगो को स्वस्थ, कुपोषण रहित और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर सके। उन्होंने बताया कि चावल को तैयार करने के चलते इसकी बनावट व इसके दिखने का अंतर अन्य चावलों से कुछ अलग रहता है। साथ ही इसे तैयार कर सूखाने के पश्चात यह हल्का हो जाता है। जिससे यह पानी में डुबोने के दौरान तैरता है। जिससे लोगों में इसके प्लास्टिक के चावल होने का भ्रम फैला है। उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। यह चावल पौष्टिक और स्वास्थ्य वर्धक है। इसे अलग करने की बजाय इसका इस्तेमाल करें।

 

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