उत्तराखंड

लंबित भुगतान व मानदेय की मांग को लेकर राजधानी देहरादून में राशन विक्रेताओं का जोरदार प्रदर्शन

खाद्य भवन में तालाबंदी कर सरकार को चेताया

 

देहरादून- राजधानी देहरादून के खाद्य भवन में प्रदेश भर से आए हजारों की संख्या में राशन विक्रेताओं ने अपनी आवाज बुलंद की। राशन विक्रेताओं के आंदोलन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर तैनात रहा। राशन विक्रेताओं ने खाद्य भवन में तालाबंदी कर अपने गुस्से का इजहार किया उन्होंन एक वर्ष से लाभांश व भाड़े का भुगतान न होने के चलते प्रदेश भर के राशन विक्रेताओं ने ऑल इंडिया फेयर प्राइस शाप डीलर फेडरेशन उत्तराखंड के नेतृत्व में देहरादून के जोगीवाला में स्थित खाद्य भवन में तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन करते हुए अपना आक्रोश जताया। राशन विक्रेताओं ने मांग की की सरकार लगातार राशन विक्रेताओं को उत्पीड़न कर रही है। कोरोना काल में राशन वितरण करने के बावजूद राशन विक्रेताओं को पुरस्कृत करने की बजाय उनका उस समय का मालभाड़ा किराया लाभांश आदि भी रोका गया है।

राशन विक्रेताओं ने कहा कि भुगतान न होने के चलते राशन विक्रेताओं के परिवार के सामने भुखमरी की समस्या आन पड़ी है सरकार की हर योजनाओं का वितरण करने के बावजूद राशन विक्रेताओं की उपेक्षा की जा रही है राशन विक्रेताओं के धरने को देखते हुए अपर आयुक्त पीएस पांगती ने राशन विक्रेताओं को 15 अक्टूबर तक सभी भुगतान करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद राशन विक्रेताओं ने अपने धरना प्रदर्शन को 15 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।

ऑल इंडिया फेयर प्राइस शाप डीलर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष रेवाधर बृजवासी ने कहा कि कई जिलों में दो-दो वर्ष का भुगतान अभी तक लंबित है। लगातार विभाग की ओर से विक्रेताओं की उपेक्षा की जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश महामंत्री संजय शर्मा और देहरादून जिला अध्यक्ष दिनेश चौहान ने कहा कि राशन विक्रेताओं के सब्र का बांध टूट चुका है। सरकार को पूर्ण भुगतान करने के साथ ही मानदेय के लिए भी अब निर्णय लेना होगा। अन्यथा राशन विक्रेता एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस अवसर पर प्रदेश भर के सभी जिलों व ब्लाक के प्रतिनिधि शामिल हुए। देहरादून के खाद्य भवन में राशन विक्रेताओं की ओर से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन किया गया है। जिसकी वजह से अधिकारियों व सरकार के लोग भी अब राशन विक्रेताओं के गुस्से को जान चुके हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!