हरिद्वार- आगामी लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सभी प्रत्याशी अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए जुट गए हैं । तो वहीं उनके साथ उनका बड़ा संगठन भी इसमें उनकी मदद कर रहा है । इसके बावजूद भी राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों को यदि किसी से डर है तो वह हरिद्वार की राजनीति में अपनी धमक बना चुके खानपुर विधायक उमेश कुमार से है।
क्योंकि उमेश कुमार भी इस लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में है और यह राष्ट्रीय पार्टी के नेता देख चुके हैं कि किस तरह उन्होंने खानपुर में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और उसके बाद जो उन्होंने कार्य किये है वह आज की राजनीति में बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। जिससे जनता के अंदर उनकी एक लोकप्रिय छवि बनी और हरिद्वार में वह एक जाना पहचाना नाम बन चुके हैं । उनके यही कार्य आज भाजपा कांग्रेस के लिए हरिद्वार जनपद में चुनाव में चुनोती बनते जा रहे हैं । एक निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद जहां उमेश कुमार को भारी जन समर्थन हरिद्वार में मिल रहा है तो वही जनता इस बार क्या रुख अपनाती है यह भी देखने के लिए दिलचस्प होगा।
हरिद्वार लोकसभा का यह चुनाव त्रिकोणीय मुकाबला दर्शा रहा है ।जिसका कारण है निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के प्रति जनता का रुझान जिससे वह दो राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों के सीधे मुकाबले में हैं और यह प्रत्याशी भी अपनी जनसभा में निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार को ही टारगेट करते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि हरिद्वार की जनता भाजपा से उम्मीदवार त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए हरिद्वार में उनके किए कार्यो व उनके व्यवहार को देखकर उन्हें वोट देती है या कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत अपने बेटे को हरिद्वार की जनता का प्यार दिला पाते हैं। या हरिद्वार की जनता निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को ही खानपुर की तरह अपना प्यार और आशीर्वाद देती है। निर्णय कुछ भी हो परंतु आज उमेश कुमार ने उत्तराखंड की राजनीति में एक अलग पहचान बना ली है। जो कि उन्हें इस चुनाव में राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों के समक्ष मजबूती से खड़ा कर रही है।