डोईवाला। न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला विशाल वशिष्ठ की कोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने व जान से मारने की धमकी के साढ़े सात साल पुराने मामले के दो अरोपी को दोषमुक्त किया। अभियुक्तगण की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार धीमान ने पक्ष रखा।
मनीष धीमान (अधिवक्ता)
विदित हो कि शिकायतकर्ता की ओर से 27 मार्च 2014 को कोतवाली डोईवाला में दी गई शिकायत के अनुसार अभियुक्तगण रमेश जायसवाल व अभिषेक जायसवाल के विरूद्ध धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने व जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज किया गया। साथ ही विवेचक दारा मामले की विवेचना कर अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 295क एवं 506 भारतीय दण्ड संहिता में न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला में आरोप पत्र दाखिल किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से कुल आठ गवाह माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये जिन्होंने घटना से जुड़े तथ्य प्रस्तुत किये।
न्यायालय द्वारा आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए अभियुक्त रमेश जायसवाल व अभिषेक जायसवाल को तलब किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट विशाल वशिष्ठ के समक्ष अभियुक्तगण की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार धीमान ने वाद पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजी व मौखिक साक्ष्यों के आधार पर बहस तर्क प्रस्तुत किया जिसके आधार पर अभियुक्तगण को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया।
अधिवक्ता मनीष कुमार धीमान ने कहाकि माननीय न्यायालय में प्रस्तुत दलीलों के आधार पर मामले में दर्शित आरोपितों को दोषमुक्त किये जाने से लोगों में न्यायालय पालिका के प्रति विश्वास बढ़ता है।