देहरादून/ डोईवाला: हरिद्वार सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अवैध खनन का मुद्दा उठाया । उनके बयान के बाद स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े होने लाजमी है। माजरी ग्रांट में कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर अवैध खनन से जहां लगातार नदियों में जलस्तर घट रहा है। जिससे कृषि क्षेत्र प्रभावित हो रहे है और कृषि भूमि को समुचित पानी तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा। तो वही बड़ी पर्यावरण क्षति भी हो रही है। उन्होंने कहा कि जहां आज विश्व भर में पर्यावरण के हो रहे नुकसान को लेकर गंभीरता है तो वहीं इस तरह के अवैध खनन जैसे कार्य किसी के भी हित में नहीं है। यह बात उन्होंने माजरी ग्रांट में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान किया कि अवैध रूप से किये जा रहे कार्यो का खुलकर विरोध करें। उन्होंने कहा कि वैध तो सही है परंतु अवैध रूप से किया जा रहा खनन आपसी सामंजस्य से को भी बिगाड़ रहा है। कुछ खनन व्यवसायी भले ही इससे लाभ ले रहे हो परंतु अन्य लोगों के लिए यह नुकसानदेह है। उन्होंने कार्यक्रम में कुछ समय पूर्व की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ ग्रामीण उनके पास आए और उन्होंने बताया कि गांव में मृत व्यक्ति को जब वह शमशान घाट में अंतिम संस्कार करने पहुंचे तो वहां भी बीस फुट का अवैध खनन कर गहरा गड्ढा कर दिया गया था। जिससे अब अंतिम संस्कार के लिए भी चयनित स्थान नहीं रहा। इसके साथ उन्होंने कालूवाला में कृषि भूमि पर जल संकट को लेकर भी बात रखी। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कई बार स्थानीय प्रशासन को इस संबंध में निर्देश भी दिए गए है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से आहवाहन करते हुए कहा कि हमें अवैध खनन वाले अवैध कार्यो का खुलकर विरोध करना चाहिए। तभी हम अपने आने वाली पीढ़ी का भविष्य बचा पाएंगे। त्रिवेंद्र के इस बयान के बाद मौजूद ग्रामीणों ने तालियो के साथ उनके इस बयान का स्वागत करते हुए अपनी सहमति भी जताई। वहीं सांसद का यह बयान सरकार व स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाला बयान भी प्रतीत होता है।