– अवैध प्लाटिंग के लिए काटे जा रहे हरे-भरे छायादार पेड़
– बड़कोट रेंज की माजरी बीट सुर्खियों में
रितिक अग्रवाल की रिपोर्ट:-
देहरादून/डोईवाला: बड़कोट रेंज की माजरी बीट के अंतर्गत लिस्ट्राबाद में हरे पेड़ों पर तस्करों ने आरी चला दी। दिनदहाड़े तून ,जामुन आदि पेड़ों को काटकर तस्कर रात्रि को बिना निकासी के ही इन पेड़ों को ले जा रहे है। लगातार पेड़ों के कटान से आरक्षित प्रजाति के पेड़ों के कटान की भी संभावनाएं बढ़ गई है और लगातार क्षेत्र में चंदन,आम,लीची व खेर की पेड़ों के काटने के मामले भी सामने आ रहे है। परंतु फिर भी जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे है। वहीं इन तस्करों के लिए अप्रैल माह में जारी सरकारी भी मुफीद बनता जा रहा है। जिसमें 15 प्रजातियों को छोड़कर अन्य सभी प्रजातियों के पेड़ को काटने की छूट दे दी गई है। जिसके चलते लगातार दूसरे जनपद से आकर तस्कर हरे-भरे छायादार व फलदार पेड़ को इलेक्ट्रिक कटर के जरिए काटकर ले जा रहे है। वहीं इसका सीधा लाभ अवैध प्लाटिंग करने वालों को भी मिल रहा है। अवैध प्लाटिंग की खातिर हरे भरे क्षेत्र को कंक्रीट के रूप में बदला जा रहा है। जहां सरकार लगातार प्रदेश में बढ़ते तापमान को लेकर चिंता जताते हुए लोगों से पौधारोपण करने की अपील कर रही है। तो वहीं यह आदेश इस योजना पर पलीता लगाता दिख रहा है। जिसके जरिए पूर्व में लगे वर्षो पुराने छायादार पेड़ आज तस्करों के निशाने पर है। वहीं इन पेड़ों के कटान में माजरी बीट के कुछ वन कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है । जिस कारण सर्वाधिक पेड़ इसी बीट में काटे जा रहे है। जबकि अधिकतर काटे गए पेड़ों की भूमि पर अवैध प्लाटिंग निरंतर जारी है। इसके साथ ही इस बीट के अंतर्गत कुछ समय पूर्व तस्करों ने खैर के पेड़ो को भी अपना निशाना बनाया था । जिन्हें आज तक विभाग की टीम पकड़ नहीं पाई है। वही जानकारी लेने पर बड़कोट रेंज के माजरी बीट के वन दारोगा गोविंद सिंह कोकलियाल ने कहा कि यह पेड़ छूट प्रजाति में है। इनके काटे जाने पर वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है। वहीं इन पेड़ों की निकासी के संबंध में भी विभाग के अधिकारी कोई जानकारी नहीं दे पाए। साथ ही रात्रि को इन पेड़ों के काटे जाने व इनका परिवहन करने को लेकर भी उन्होंने जानकारी से इनकार किया।