देहरादून-डोईवाला- प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रही जीरो टॉलरेंस की सरकार में गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा के निर्देश के बाद गढ़वाल की एकमात्र सरकारी मिल को सुचारू रूप से संचालन करने की जिम्मेदारी सोपे जाने के बाद जर्जर व लगातार घाटे में जा रही डोईवाला शुगर मिल में अपने तजुर्बे व कार्यशैली के चलते मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह ने कई बदलाव लाए है। जो कि सरकार की सुदृढ कार्यशैली को दर्शाता है तो वहीं किसान – कर्मचारी भी इससे लाभान्वित हुए है।
जिससे हम यह कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा की उम्मीद पर खरा उतरते हुए मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह ने जहां लगातार घाटे में चल रही मिल को उभारने में जी जान लगा दी है तो वहीं पिछले दो वर्षो से मिल में कई सुधार भी किए हैं।
जिस मिल को पूर्व के अधिकारी जर्जर बताकर इसके सुधारीकरण में सरकार से करोड़ों रुपए की मांग करते नजर आ रहे थे वहीं वर्तमान अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह ने इस मिल में रिकॉर्ड तोड़ गन्ने की पेराई कर चीनी का उत्पादन कर करोडो रुपए का लाभ अर्जित किया है।
पिछले वर्ष से जहां किसान को मिल में किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है तो वही मिल के कर्मचारियों को भी समय से वेतन मिल रहा है और लगातार सरकार के विरुद्ध आंदोलन करने वाले किसान भी अधिशासी निदेशक की कार्यशैली पर संतुष्टि जाता रहे है। लगातार हरिद्वार, हिमाचल व स्थानीय किसान समय-समय पर उनका स्वागत कर उनकी हौसला अफजाई करते नजर आ रहे है।
तो वहीं किसानों की मांग पर सख्त से सख्त निर्णय लेने पर भी अधिशासी निदेशक नहीं चूक रहे है। वहीं कर्मचारियों के हित में भी वह बेहतर तरीके से कार्य कर रहे है और समय से उन्हें वेतन मिल रहा है। तो वहीं लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई भी पहली बार ही देखी जा रही है।